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Friday, October 30, 2015

एक रात, कुछ सपने...और मैं (Ek Raat, Kuch Sapne...aur Main)

Dreams
*Source: Google Images

इक रात लिए मैं...अपने सपनो को
यूँ निकल पड़ा फिर...लेकर अपनों को
वो ख्वाब ही थे जो...मेरे थे अपने
कुछ नए पुराने...जाने अनजाने

Monday, April 27, 2015

~ गुलदस्ता-ए-ग़ज़ल (Guldasta-e-Ghazal) / Bouquet-of-Ghazal~


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~~~ Ghazal in Hindi ~~~

कोई कैसे बताये उन्हें इन नादानियों का सबब क्या है
लरजते लबों की बुदबुदाहट का असरार--अदब क्या है

नज़रे मुंतज़िर है हरसू लिए हसरत--दीदार--यार की
वह पूछते है साहब--हुज़ूर ये दिल--मुज़्तरिब क्या है

Friday, April 10, 2015

~ दिल और ख़्वाब (Dil aur Khwaab) / Heart & Dreams ~


Life
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***The dreams we see and the desires we aspire are always special to us. The fear of them getting lost amidst the realities of the outer world always scares us. The scary feeling also emanates from those dreams and desires who firmly feel that the heart remains their only solace for getting saved from extinction in the real world.***

~~~ Poem in Hindi ~~~

कल रात फिर कुछ ख्वाबो ने
कच्ची नींद की चादर हटा कर
दिल के दरवाज़े पर
एक हलकी सी दस्तक दी

Wednesday, January 28, 2015

झोंका हवा का (Jhonka Hawa Ka) / Breeze of Air


Source: Google Images
***Our tender heart engulfs within an ocean of memories half forgotten and half sleeping in some deep dark corner. When that gust of wind stirs that dark corner, those memories come alive again and some old forgotten song of love once again start playing in the heart***


~~~ Poem in Hindi ~~~



मदमस्त हवा का झोंका आया
संग अपने कुछ यादे लाया
भूली बिसरी नयी पुरानी
कुछ ऐसी सौगाते लाया

Saturday, December 13, 2014

~ गुलदस्ता-ए-ग़ज़ल (Guldasta-e-Ghazal) / Bouquet-of-Ghazal ~


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~~~ Ghazal in Hindi ~~~

हुई शब की दस्तक की निकलाया चाँद
अक्स-ए-रुख़ यूँ दिखा की शरमाया चाँद 

थी ज़ुल्फो की साज़िश में अब्र की रज़ा
केसुओं की काली घटा में छुपआया चाँद

कशिश-ए-फ़ुर्क़त की ये कैसी थी गर्दिश
अधूरे से मिलन में यह पूरा आया चाँद

Sunday, November 02, 2014

~ सरहदें (Sarhadein) / Borders ~



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***God created this beautiful world & human drew lines across it and created territorial Borders. Whenever there is a firing or war at the border the people on the either side of the fence suffer & are killed and along-with them their loved ones, their dreams and their aspirations are also destroyed. In the end whosoever wins but the people on either side of the border lose. These verses represent the pain and anguish of a soul (who is wounded in the firing and is on a deathbed) on seeing the mass destruction caused by the firing at the border***

***ईश्वर ने यह ख़ूबसूरत जहां बनाया और इंसान ने लकीरें खींच कर सरहदे बना दी। जब भी इन सरहदों पे लड़ाई होती है, दोनों तरफ के लोग प्रभावित होते है और मारे जाते है और उनके साथ मारे जाते है उनके संबंधी, उनके सपने और उनकी ख्वाइशें। अंत में चाहे किसी की भी जीत हो, सरहद पे बसने वालो की हमेशा हार होती है। इन पंक्तियों में एक ऐसे ही मनुष्य की आंतरिक स्थिति का वर्णन किया गया है जो गोली-बारी में बुरी तरह से घायल होने के कारण मृत्यु के निकट है और अपने लोगो की मौत और तबाही से आहत है।***

~~~ Poem in Hindi ~~~

निस्तब्ध पड़ा है जिस्म मेरा 
शिथिल सा है साँसों का सिरा
बसता था आँखों में जो कल
निराश्रय स्वप्न वो आज पड़ा

है गुमसुम शांत वीरान खड़ा 
गली का नुक्कड़ और खेड़ा
कल रात से ही चुपचाप सा है
कूचों का झमघट और मेला

Saturday, October 11, 2014

~ गुलदस्ता-ए-ग़ज़ल (Guldasta-e-Ghazal) / Bouquet-of-Ghazal ~


Source: Google Images

~~~ Ghazal in Hindi ~~~

फिर लिए जज़्बा--मक़्लूब इश्क़ का कलमा लिख रहा हूँ
तिरे नाम का हर लब्ज़ पिरोकर फ़साना--दिल लिख रहा हूँ

है कश्मकश की तआरुफ़--यार का आग़ाज़ करू किस कदर
गिरह दर गिरह शोख अल्फाज़ो से शान--ग़ज़ल लिख रहा हूँ

कितना मुश्किल है यारो बयां करना किस्सा रंज--इंतज़ार का
हो रहा ये मन बावरा और मैं तिरे इत्तिहाद--पल लिख रहा हूँ

Sunday, September 28, 2014

~ ज़िन्दगी (Zindagi) / Life ~


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***Life is nothing but a song of hope and despair and this heart of our stay suspended inching sometimes towards joy and sometimes towards sorrow. The best part, however, remains that it continue to see dream & that's what assumes importance in the end. These verses represents the message of a heart that nothing stays till end save your dreams, specially of that special ONE***


~~~ Poem in Hindi ~~~

मुस्कुरा ले दिल मेरे
दौर ये भी गुजर जायेगा
आयेगा लौट वो सवेरा
और साँझ को ले जायेगा  

चाहे जो भी कर ले
यह गम तो लौट आएंगे
यह जो ज़िन्दगी है प्यारे
ये ग़मो का है फ़साना

Sunday, September 14, 2014

~ गुलदस्ता-ए-ग़ज़ल (Guldasta-e-Ghazal) / Bouquet-of-Ghazal ~



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~~~ Ghazal in Hindi ~~~


खामोश सी वो रात चली बदल के करवट आहिस्ता आहिस्ता
ठहरी सी वो बात लबों पर फिर से सरकी आहिस्ता आहिस्ता

हम तो यूँ ही बे-हुरमत हुए इस फ़ित्ना-ए-इश्क़ की जफ़ा में
फ़ितरतन वो यार मेरा रुख़ मोड़ गया आहिस्ता आहिस्ता

इन उम्मीदों के दामन पे जब एक ख्वाब ने फिर अंगड़ाई ली
इस जुलाहे दिल ने फिर इक दुआ बुनी आहिस्ता आहिस्ता

Monday, September 01, 2014

~ याद (Yaad) / Remembrance ~



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***The remembrance of your beloved just makes the heart uneasy and the person looks for all the possible way to divert it away. But then there is some strange joy in that pain...these verse try to depict the feeling of one lone heart on remembering the beloved...***


~~~ Poem in Hindi ~~~

ख़ुशी के फूल भी खिलते है बिखर जाने को
हमे गम भी मिलते है सह जाने को
हर सोया ख्वाब फिर जाग जाता है
तेरा चेहरा जब याद आ जाता है

याद जब भी आती है तेरी
चेहरा छुपा लेता हूँ मैं
कभी ख़ुशी कभी ख़ामोशी से
अपने गम को मिटा लेता हूँ मैं

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